रांची पहुंचे जोंटी रोड्स, धोनी की फिटनेस और शांत स्वभाव की तारीफ; भारत को बताया दूसरा घर

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर और शानदार फील्डर जोंटी रोड्स पहली बार रांची पहुंचे। उन्होंने रांची के लोगों के उत्साह और गर्मजोशी की जमकर सराहना की। रोड्स ने कहा कि वे हमेशा महेंद्र सिंह धोनी की फिटनेस और शांत स्वभाव से प्रभावित रहे हैं। उन्होंने युवाओं को मेहनत के साथ परफेक्ट प्रैक्टिस करने की सलाह दी और भारत को अपना दूसरा घर बताया।
रोड्स ने कहा, “मैं हर साल करीब पांच महीने भारत में बिताता हूं, लेकिन रांची पहली बार आया हूं। यहां के लोगों का स्वागत और ऊर्जा मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा है। आज की युवा पीढ़ी भी मेरे खेल को जानती है, इसका श्रेय इंटरनेट को जाता है।”
भारतीय क्रिकेट की बात करते हुए रोड्स ने कहा, “टी-20 जैसे तेज़ फॉर्मेट में जब कप्तान घबरा जाते हैं, तब धोनी संयम और आत्मविश्वास का उदाहरण पेश करते हैं। मैंने उनके साथ काम नहीं किया, लेकिन एक कोच के तौर पर उनके खिलाफ कई बार खेला हूं। वे हमेशा मैदान पर संतुलन और नेतृत्व के प्रतीक रहे हैं।”
56 वर्षीय रोड्स ने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरी पत्नी अब मेरे डाइव करने से डरती है, लेकिन मैं रुक नहीं सकता। मैं कैमरे के लिए नहीं, बल्कि अपने जुनून के लिए ऐसा करता हूं। अगर मैं 60 साल का भी हो जाऊं, तो गेंद मेरे पास आएगी तो छलांग जरूर लगाऊंगा।”
युवाओं को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ मेहनत नहीं, बल्कि सही अभ्यास ज़रूरी है। रोड्स ने कहा कि आज क्रिकेट पूरी तरह शारीरिक खेल बन चुका है, इसलिए ट्रेनिंग जितनी जरूरी है उतनी ही जरूरी है आराम और रिकवरी।
भारत के प्रति अपने लगाव को साझा करते हुए उन्होंने कहा, “भारत मेरा दूसरा घर है। मैं इस बार मंगलुरु से रांची आया हूं और यहां से चंडीगढ़ जाऊंगा। गोवा में मेरी मोटरबाइक है। मुझे लोगों से मिलना और उनके बीच रहना पसंद है। भारत ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है।”
अंत में रोड्स ने कहा, “क्रिकेट सिर्फ मैदान पर खेले जाने वाला खेल नहीं, बल्कि टीमवर्क और अनुशासन का संगम है। स्पॉन्सर से लेकर लॉजिस्टिक टीम तक हर व्यक्ति इस खेल का अहम हिस्सा है। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि आज भी क्रिकेट से सीख रहा हूं और इसका हिस्सा हूं।”
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