चार सप्ताह में मैट्रिक प्रशिक्षित वेतनमान दें: झारखंड हाई कोर्ट का शिक्षा विभाग को आदेश

झारखंड हाई कोर्ट ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि मैट्रिक अप्रशिक्षित वेतनमान प्राप्त कर रहे शिक्षकों को चार सप्ताह के भीतर प्रशिक्षित वेतनमान और उससे संबंधित सभी लाभ प्रदान किए जाएं।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की अदालत ने शिक्षिका द्रोपदी कुमारी और अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। अदालत ने कहा कि विभाग सभी आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन कर लाभों का भुगतान सुनिश्चित करे।
अदालत में सचिव और निदेशक हुए उपस्थित
सुनवाई के दौरान शिक्षा विभाग के सचिव उमा शंकर सिंह और माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजेश प्रसाद अदालत में उपस्थित थे।
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ रंजन ने बताया कि विभाग हाई कोर्ट के पूर्व आदेश (7 दिसंबर 2024) के बावजूद अब तक शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान नहीं दे रहा है।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत को बताया कि विभाग ने आदेशों के अनुपालन का निर्णय ले लिया है। हालांकि, कुछ शिक्षकों ने अब तक अपने पेंशन संबंधी विवरण या पीपी नंबर नहीं दिया है, जिसके कारण सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
कोर्ट ने दी स्पष्ट समयसीमा
कोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि सभी पात्र शिक्षकों को चार सप्ताह के भीतर बकाया भुगतान किया जाए। साथ ही, शिक्षकों को भी विभागीय जांच में सहयोग करने और संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सत्यापन की प्रक्रिया शीघ्र पूरी हो सके।
अदालत ने सचिव और निदेशक को फिलहाल व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी है।
अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।
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