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झारखंड में 118 दिन बाद मानसून की विदाई, पिछले दशक में सबसे अधिक वर्षा दर्ज
Sanjana Kumari
13 अक्टूबर 2025 को 02:36 pm बजे
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इस बार सामान्य से 23% अधिक बारिश, पूर्वी सिंहभूम में सर्वाधिक और गोड्डा में न्यूनतम वर्षा
दक्षिण-पश्चिम मानसून सोमवार को आधिकारिक रूप से झारखंड से विदा हो गया, जिससे इस वर्ष का मानसूनी दौर 118 दिनों तक चला — जो पिछले एक दशक में रिकॉर्ड है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस अवधि में राज्य में सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। मानसून का आगमन 17 जून को हुआ था।
रांची मौसम विज्ञान केंद्र के उप निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया कि 1 जून से 30 सितंबर के बीच झारखंड में 1198.8 मिमी वर्षा हुई, जबकि सामान्य स्तर 1022.9 मिमी है। वर्षा की यह मात्रा 17 प्रतिशत अधिक है और भारतीय मौसम विभाग के मानकों के अनुसार अत्यधिक वर्षा की श्रेणी में आती है। पूरे मानसून अवधि (17 जून से 13 अक्टूबर) में वर्षा का स्तर 1243.9 मिमी रहा, जो सामान्य से 23 प्रतिशत अधिक है।
यह आंकड़ा पिछले दशक में सर्वाधिक है। इससे पहले 2016 में 1101.88 मिमी वर्षा हुई थी। विभाग के अनुसार, वर्षा में 19 प्रतिशत तक का उतार-चढ़ाव सामान्य माना जाता है।
जिलेवार आंकड़ों में पूर्वी सिंहभूम में सर्वाधिक 1666.1 मिमी वर्षा हुई, जबकि गोड्डा में वर्षा सामान्य से 18 प्रतिशत कम रही। कुल 24 जिलों में से आठ जिलों में अधिक, 15 जिलों में सामान्य और एक जिले में कम वर्षा दर्ज की गई।
मानसून के दौरान कई बार भारी वर्षा की वजह से जान-माल को नुकसान हुआ। अब इसके विदा होने के साथ ही सुबह और शाम तापमान में गिरावट का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक ठंड का असर और स्पष्ट हो जाएगा।
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