झारखंड में इस बार पड़ेगी भीषण ठंड, तापमान में रिकॉर्ड गिरावट; समय से पहले आया पश्चिमी विक्षोभ बना वजह

राज्यभर में असामान्य रूप से बढ़ी ठंड
झारखंड में इस वर्ष नवंबर की शुरुआत में ही ठंड सामान्य से कहीं अधिक बढ़ गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, न्यूनतम और अधिकतम दोनों तापमान सामान्य मानकों से काफी नीचे चले गए हैं।
पिछले साल की तुलना में न्यूनतम तापमान करीब 7 डिग्री और अधिकतम तापमान 3–4 डिग्री कम है।
पिछले वर्षों में नवंबर आमतौर पर सामान्य सर्दी वाला महीना रहा है, लेकिन इस बार रांची और मेदिनीनगर सहित कई जिलों में तापमान औसत से काफी नीचे दर्ज किया जा रहा है।
तापमान के प्रमुख आंकड़े
गुरुवार को रांची का न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री कम है।
मेदिनीनगर में 10.1 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.5 डिग्री कम है।
खूंटी राज्य में सबसे ठंडा रहा, जहां 8.5 डिग्री का न्यूनतम पारा दर्ज हुआ।
समय से पहले पश्चिमी विक्षोभ पहुंचने से बढ़ी ठंड
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभ समय से पहले सक्रिय हो गया है और हिमालय क्षेत्र में सामान्य से पहले बर्फबारी शुरू हो गई।
आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ नवंबर के अंतिम सप्ताह या दिसंबर में झारखंड को प्रभावित करता है, पर इस बार समय से पहले ही उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं राज्य में प्रवेश कर गई हैं।
इसके परिणामस्वरूप पूरे प्रदेश में कनकनी और ठिठुरन बढ़ गई है।
कई जिलों में शीतलहर की चेतावनी
अगले दो दिनों में गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, और रांची–खूंटी में कहीं-कहीं शीतलहर चलने की संभावना है।
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा कि इस बार मौसम में अनियमित बदलावों के कारण ठंड अधिक तेजी से बढ़ रही है और न्यूनतम तापमान में और गिरावट संभव है।
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