गढ़वा पुलिस ने 4 करोड़ रुपये के पीडीएस घोटाले का किया भंडाफोड़, दो सहायक प्रबंधक गिरफ्तार

गढ़वा जिला पुलिस ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत गरीब लाभुकों के लिए आवंटित अनाज की बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो सरकारी पदाधिकारियों — मेराल प्रखंड के सहायक प्रबंधक दीपक चंचल और केतार प्रखंड के सहायक प्रबंधक राजीव कुमार — को गिरफ्तार किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने पीडीएस के तहत मिलने वाले चावल और गेहूं का गबन किया, जिसकी बाजार कीमत लगभग चार करोड़ रुपये आंकी गई है।
गबन का पैमाना और खुलासा
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि मेराल प्रखंड से लगभग 2,700 क्विंटल और केतार प्रखंड से करीब 9,000 क्विंटल अनाज का गबन किया गया था। यानी कुल मिलाकर लगभग 12,000 क्विंटल अनाज सरकारी गोदामों से गायब पाया गया।
गढ़वा जैसे अति पिछड़े जिले में इतनी बड़ी मात्रा में अनाज का गायब होना एक सुनियोजित षड्यंत्र की ओर संकेत करता है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच की दिशा
पुलिस अधीक्षक दीपक पांडेय ने बताया कि दोनों सहायक प्रबंधकों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है ताकि इस गबन में अन्य संबंधित लोगों की भूमिका स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कानूनन सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक मिलीभगत की संभावना
प्राथमिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि इस घोटाले में अन्य अधिकारियों की भी संलिप्तता हो सकती है। मामला फिलहाल पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है और शासन-प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े कर रहा है।
गरीबों के हक के अनाज के इस गबन ने न केवल व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि जनकल्याण योजनाओं में भ्रष्टाचार किस हद तक जड़ जमा चुका है। पुलिस की यह कार्रवाई प्रणाली में जवाबदेही बहाल करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
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Garhwa: Large-scale embezzlement of foodgrains


