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मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में अनुदान, प्रीमियम राशि, बगना-बाल्टी का गबन, आपूर्तिकर्ता पर एफआईआर दर्ज
गढ़वा जिले में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में अनुदानित राशि, रस्सी (बगना), बाल्टी वितरण एवं बीमा प्रीमियम की राशि का गबन
Piyush Tiwari
25 अक्टूबर 2025 को 02:07 pm बजे
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गढ़वा जिले में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में अनुदानित राशि, रस्सी (बगना), बाल्टी वितरण एवं बीमा प्रीमियम की राशि का गबन किये जाने का मामला सामने आया है. इसको लेकर क्षेत्रिय निदेशक के निर्देश पर जिला गव्य विकास पदाधिकारी गिरिश कुमार ने आपूर्तिकर्ता के उपर गढ़वा थाना में मामला दर्ज कराया है. गढ़वा थाना में कांड संख्या 464/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस योजना में कुल 29.07 लाख रूपये का गबन किया गया है. यह मामला वितीय साल 2020-21 से जुड़ा हुआ है. इसकी जानकारी मिलने के बाद क्षेत्रिय निदेशक गव्य विकास निदेशालय झारखंड रांची की ओर से गढ़वा पहुंचकर अभिलेखों की जांच की गयी थी. साथ ही उन्होंने कुछ लाभुकों से मिलकर इसकी धरातलीय जांच भी की थी. जांच में मामले की पुष्टि होने के बाद उन्होंने वर्तमान जिला गव्य विकास पदाधिकारी को प्राथमिकी दर्ज करने के लिये निर्देशित किया था. इस मामले में तात्कालीन गव्य विकास पदाधिकारी धनिक लाल मंडल पर भी इस गड़बड़ी में शामिल होने का आरोप लगा है. श्रीमंडल ने गढ़वा जिले में अपनी सेवा देने के बाद साहेबगंज में पदस्थापना के समय सेवा से वीआरएस ले लिया था. अभी इस मामले में उनकी भूमिका की जांच निदेशालय स्तर से की जा रही है.क्या है पूरा मामला
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के अंतर्गत गढ़वा जिले में वितीय साल 2020-21 में कुल 187 दुधारू पशु (गाय) का वितरण अनुदानित राशि पर करना था. आरोप है कि अनुदान की राशि निकाल ली गयी और गाय का वितरण लाभुकों के बीच किया ही नहीं गया. इस मद में कुल 2545607 लाख रूपये की गड़बड़ी किये जाने की पुष्टि जांच में हुयी है. इसके अलावे जो गाय वितरण किये जाने थे उनका बीमा प्रीमियम का भुगतान भी करना था. बीमा प्रीमियम का भुगतान गव्य विकास विभाग करती है, लेकिन आरोप है कि तात्कालीन जिला गव्य विकास पदाधिकारी धनिक लाल मंडल ने पूरी प्रीमियम की राशि आपूर्तिकर्ता गढ़वा जिले के रमना निवासी उपेंद्र यादव के खाते में स्थानांतरित करा दिया. लेकिन उपेंद्र यादव ने पशुओं के प्रीमियम राशि का भुगतान ही नहीं किया. इस वजह से जो पशु वितरण किये गये थे, उनका बीमा नहीं हो सका. आपूर्तिकर्ता श्रीयादव पर इस मद में कुल 2.61 लाख रूपये की गड़बडी किये जाने का आरोप है. इसके अलावे जिन लाभुकों को अनुदान पर दुधारू पशु दिये जाते हैं उनके बीच बगना, बाल्टी आदि भी दिये जाने का प्रावधान है. लेकिन इस मद में प्राप्त कुल 100626 रूपये की राशि निकाली गयी. लेकिन लाभुकों को बगना-बाल्टी नहीं मिला. इस प्रकार से तीनो मद में कुल 2907625 लाख रूपये की गड़बड़ी आपूतिकर्ता द्वारा की गयी है. मामला सामने आने के बाद इसकी जांच क्षेत्रिय निदेशक ने की थी और आरोप सत्य पाये जाने पर मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश गव्य विकास पदाधिकारी को दिया.
क्षेत्रिय निदेशक के निर्देश के आलोक में एफआईआर दर्ज की गयी है : गिरिश कुमार
इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करानेवाले गव्य विकास पदाधिकारी गिरिश कुमार ने बताया कि क्षेत्रिय निदेशक की ओर से निर्देशित पत्र (पत्रांक-907, दिनांक आठ अक्टूबर 2025) के आलोक में उन्होंने आपूर्तिकर्ता के उपर प्राथमिकी दर्ज करायी है. लेकिन तात्कालीन गव्य विकास पदाधिकारी धनिक लाल मंडल के उपर हो रही कारवाई के संदर्भ में विशेष जानकारी उन्हें नहीं है. क्योंकि उनके उपर जांच की प्रक्रिया रांची में विभागीय स्तर से हो रही है.


