झारखंड में 3,90,087 युवा बेरोजगार, पिछड़ा वर्ग में सबसे अधिक — पलामू जिला सबसे आगे

झारखंड में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 3,90,087 हो गई है। इनमें 2,74,091 पुरुष और 1,15,975 महिलाएं शामिल हैं। सबसे अधिक 3,20,569 बेरोजगार 20 से 39 वर्ष की आयु वर्ग में हैं। यह आंकड़ा श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के पोर्टल से मिला है। वर्ष 2024 की तुलना में 2025 (अक्टूबर तक) में बेरोजगारों की संख्या 20,629 बढ़ी है।
शैक्षणिक योग्यता के अनुसार, 79 डॉक्टरेट, 16,427 पोस्टग्रेजुएट, 82,417 ग्रेजुएट, 1,13,146 इंटर पास, 1,24,495 मैट्रिक पास, 14,848 डिप्लोमा धारक और 15,667 आईटीआई पास युवा बेरोजगार हैं।
जातिवार स्थिति: पिछड़ा वर्ग में सर्वाधिक बेरोजगार
सामान्य वर्ग: 81,191
पिछड़ा वर्ग (कुल): 1,70,920 (बीसी-1: 55,705 | बीसी-2: 18,783 | ओबीसी: 95,564 | ईबीसी: 868)
अनुसूचित जनजाति: 91,205
अनुसूचित जाति: 46,703
आंकड़ों से स्पष्ट है कि पिछड़ा वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है, जबकि जनजातीय समुदाय दूसरे स्थान पर है।
जिलावार आंकड़ा: पलामू में सबसे अधिक बेरोजगार
पलामू: 44,915
धनबाद: 37,381
बोकारो: 36,549
पूर्वी सिंहभूम: 32,675
रांची: 30,051
अन्य जिलों में संख्या अपेक्षाकृत कम है।
सरकारी नौकरियां खाली, रोजगार मेलों में सुस्ती
राज्य में करीब 3.75 लाख सरकारी पद खाली हैं, जबकि अब तक 56,000 युवाओं को रोजगार मिला है। सरकार जेपीएससी और जेएसएससी के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षाएं और रोजगार मेले आयोजित करती है, लेकिन इनकी नियमितता और नियुक्तियों में देरी अब भी बड़ी चुनौती है।
हाल ही में जेपीएससी ने 7 परीक्षाओं के जरिए 605 पदों पर बहाली का कैलेंडर जारी किया है, वहीं जेएसएससी के तहत 8000 से अधिक सहायक आचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने वाली है। जेएसएससी सीजीएल के 2025 पदों पर बहाली का मामला वर्तमान में अदालत में लंबित है।
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Increasing rate of unemployment in Jharkhand


