छठ पर्व की खुशियां मातम में बदलीं: झारखंड में डूबने से 25 और बिहार में 83 लोगों की मौत

सूर्य उपासना का महापर्व छठ जहां पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया, वहीं कई घरों के लिए यह पर्व कभी न भूलने वाला दुख बन गया। सोमवार और मंगलवार को अर्घ्य के दौरान झारखंड और बिहार में डूबने से कुल 108 लोगों की मौत हो गई। इनमें झारखंड में 25 और बिहार में 83 लोगों की जान चली गई।
झारखंड में सबसे ज्यादा हादसे गिरिडीह, हजारीबाग और सिमडेगा जिलों से सामने आए।
गिरिडीह जिले में सात लोगों की जान गई,
हजारीबाग और सिमडेगा में चार-चार,
जमशेदपुर (चांडिल) में तीन,
कोडरमा और देवघर में दो-दो,
जबकि गढ़वा, चतरा और रांची में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।
हजारीबाग के कटकमसांडी में तालाब में डूबने से दो सगी बहनों सहित चार लोगों की मौत हो गई। सिमडेगा के बानो थाना क्षेत्र में भी चार बच्चियों की डूबकर मौत हो गई। चतरा जिले के दानरो नदी छठ घाट पर एक किशोर और प्रतापपुर में एक अधेड़ व्यक्ति की मौत की सूचना है।
इसी तरह, कोडरमा जिले में भी 24 घंटे के भीतर दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की जान गई।
गिरिडीह के जमुआ प्रखंड के धीरोसिंगा गांव में दिलीप राय, नवडीहा ओपी क्षेत्र के परांचीडीह में अंशु कुमारी, धनवार प्रखंड के चितरडीह में नंदलाल साव, दशरोडीह के धीरज कुमार और बिरनी के पिपराडीह गांव में एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई। अन्य इलाकों से भी कई लोगों के डूबने की खबरें हैं।
छठ पर्व के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के तमाम इंतजामों के बावजूद ये हादसे प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करते हैं। कई जगहों पर न तो सुरक्षा घेराबंदी की गई थी और न ही गोताखोरों की पर्याप्त व्यवस्था थी। इन दर्दनाक हादसों ने पर्व की रौनक पर गहरा साया डाल दिया।
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