झारखंड में ब्लड बैंकों पर सख्ती, अब अनिवार्य होगा फोर्थ-जेनरेशन एलाइजा टेस्ट

एलाइजा टेस्ट पर कड़ी अनिवार्यता
झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि राज्य में कोई भी सरकारी या निजी ब्लड बैंक फोर्थ-जेनरेशन एलाइजा टेस्टिंग सुविधा के बिना संचालित नहीं होगा।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय रक्त नीति और ब्लड बैंक मानकों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। अनुपालन न करने वाले ब्लड बैंकों पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
जहां सरकारी संस्थान मानकों पर खरे नहीं उतरते, वहां मानक-अनुरूप निजी ब्लड बैंकों से एमओयू करके सेवा जारी रखने को कहा गया है।
रिप्लेसमेंट रक्तदान पर रोक
एसीएस ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में ब्लड रिप्लेसमेंट नहीं होगा।
रक्त केवल स्वैच्छिक दान और रक्तदान शिविरों के माध्यम से संग्रहित किया जाएगा। एनजीओ, कॉलेज, पुलिस-फोर्स और सरकारी कार्यालयों को इस अभियान से जोड़ने का निर्देश दिया गया है।
जिला अस्पतालों में तैनात मनोचिकित्सकों को ब्लड डोनर काउंसलिंग की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
निगरानी और डिजिटल व्यवस्था
सभी सिविल सर्जन अपने-अपने जिलों के ब्लड सेंटरों की ऑडिट रिपोर्ट विभाग को भेजेंगे।
ब्लड बैंक लाइसेंस नवीनीकरण एवं नई आवेदन प्रक्रिया ONDLS पोर्टल पर समय-सीमा में पूरी की जानी है।
ई-रक्त पोर्टल पर डोनर, थैलेसीमिया और सिकल सेल रोगियों का डेटा अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के माध्यम से होगी।
उन्नत जांच और बुनियादी ढांचे का विस्तार
राज्य में उपलब्ध आरटी-पीसीआर मशीनों का उपयोग नैट टेस्ट के लिए किया जाएगा।
सभी जिलों में ब्लड सेपरेशन यूनिट स्थापित करने के लिए उपकरण-खरीद प्रक्रिया तेज करने को कहा गया है।
थैलेसीमिया रोगियों को होल ब्लड के बजाय पैक्ड सेल उपलब्ध कराने और आवश्यक दवाओं की सुनिश्चित उपलब्धता के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
राज्य सरकार का यह निर्णय रक्त सुरक्षा प्रणाली को आधुनिक, पारदर्शी और अधिक विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रभावी कार्यान्वयन से झारखंड में रक्त संक्रमण सेवाओं की गुणवत्ता और जनता का भरोसा दोनों सुदृढ़ होंगे।
News - Kusum Kumari
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