अन्यरांची

मोंथा चक्रवात से बेड़ो में धान-आलू की फसल तबाह; भारी बारिश और तेज़ हवाओं से किसान संकट में

Sanjana Kumari
1 नवंबर 2025 को 05:30 am बजे
19 बार देखा गया
Cyclone Montha devastates paddy and potato crops in Bero, Jharkhand as heavy rains and winds leave farmers in distress

बेड़ो (रांची जिला), झारखंड — मोंथा चक्रवात के प्रभाव से बेड़ो प्रखंड और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भारी बारिश और तेज़ हवाओं ने कृषि क्षेत्र को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। धान और आलू की तैयार फसलें बर्बाद हो गईं, जिससे किसानों में गहरी निराशा और चिंता है।

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक वर्षा जारी रहने की संभावना है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। कई गांवों में खड़ी पकी फसलें गिर गईं, जिससे कटाई कठिन हो गई है। जिन किसानों ने फसल काटकर खेत में सुखाने के लिए रखी थी, वह भी पानी में डूब गई।

किसानों की पीड़ा और ज़मीनी हालात

खेतों में पानी भरने से धान सड़ने का खतरा बढ़ गया है। किसान संजय उरांव, बृजेश महतो, मनमोहन गोप और पवन कुमार सहित कई किसानों ने कहा कि महीनों की मेहनत कुछ ही घंटों में नष्ट हो गई। उन्होंने आशंका जताई कि उत्पादन में भारी गिरावट होगी। शुरुआती आलू की रोपाई भी प्रभावित हुई है और बीज सड़ने की आशंका है।

स्थानीय प्रतिनिधियों ने की राहत की मांग

मासू गांव के समाजसेवी संजय उरांव और सुखदेव भगत ने बताया कि सर्वाधिक नुकसान धान की फसल को हुआ है। उनके अनुसार, गिरी हुई फसल को बचाना लगभग असंभव है। उन्होंने सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग से तत्काल सर्वे कर प्रभावित किसानों को राहत देने की मांग की।

किसानों ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुए इस नुकसान की भरपाई सरकारी सहायता के बिना संभव नहीं है। यदि जल्द राहत नहीं मिली, तो रबी मौसम की तैयारी भी प्रभावित होगी, जिससे आर्थिक स्थिति और कमजोर होगी।

मोंथा चक्रवात का असर अभी जारी है और किसान आसमान की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं कि मौसम सामान्य हो और सरकार शीघ्र राहत पैकेज घोषित करे। यह स्थिति कृषि क्षेत्र की जलवायु-जनित जोखिमों के प्रति संवेदनशीलता और मजबूत राहत व्यवस्था की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

News -Kusum Kumari

अन्य चित्र

Article image