ईसाई धर्म अपनाने से गांव में तनाव, आदिवासी समाज ने जताई आपत्ति

रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र के तिरला कल्याणपुर गांव में एक आदिवासी परिवार द्वारा ईसाई धर्म अपनाने के बाद तनाव का माहौल बन गया है। स्थानीय समुदाय ने इस धर्मांतरण पर आपत्ति जताते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, परमेश्वर मुंडा, उनकी पत्नी पोकली देवी और पुत्र राज मुंडा ने लगभग एक माह पूर्व ईसाई धर्म अपना लिया था। इस बात का खुलासा तब हुआ जब परमेश्वर मुंडा ने अपने कुलदेवता की मूर्तियाँ और सरना झंडा नदी में प्रवाहित कर दिया — जो उनके पारंपरिक सरना धर्म से अलगाव का प्रतीक था।
गांव में इस घटना के बाद कई बैठकें हुईं, जिनमें परिवार से सarna धर्म में लौटने की अपील की गई। लेकिन पंचायत के दौरान परमेश्वर मुंडा ने स्पष्ट कहा कि वे अब ईसाई धर्म में ही रहेंगे और यह उनका स्वेच्छिक निर्णय है।
स्थानीय नेताओं की समझाइश नाकाम, परिवार अडिग
गांव के मुखिया पति सचिन दांगी, पूर्व जिप सदस्य गोबिंद मुंडा, रामप्रसाद करमाली और सन्नी देवल महतो ने परिवार को समझाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। बताया गया कि परमेश्वर मुंडा को किसी ने यह विश्वास दिलाया था कि ईसाई धर्म अपनाने से उन्हें “रोगमुक्त और शांत जीवन” मिलेगा, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने यह निर्णय लिया।
समुदाय की चिंता: बाहरी प्रभावों से आदिवासी समाज को बचाने की अपील
पूर्व जिप सदस्य गोबिंद मुंडा ने कहा कि आदिवासी समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में मजबूत करना आवश्यक है ताकि लोग बाहरी प्रभावों या प्रलोभनों से बच सकें। उन्होंने कहा कि जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराना कानूनन अपराध है और प्रशासन को इसकी जांच करनी चाहिए।
इस घटना के बाद आदिवासी समुदाय में आस्था और पहचान को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। फिलहाल प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है ताकि गांव में शांति और सौहार्द बना रहे।
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