गढ़वा में 2012 की हत्या के मामले में महिला को आजीवन कारावास, न्यायालय ने लगाया ₹5000 का जुर्माना

गढ़वा: अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय, गढ़वा के न्यायालय ने सोमवार को रंका थाना क्षेत्र के ग्राम बाराडीह टोला टीटहीमहुआ निवासी विमली देवी को हत्या के अपराध में आजीवन सश्रम कारावास और ₹5000 का आर्थिक दंड देने का आदेश सुनाया।
यह मामला 3 जनवरी 2012 को दर्ज रंका थाना कांड संख्या 5/2012 से संबंधित है। मामले में सूचक विनोद उरांव ने प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि वह अपनी पत्नी मुनिया देवी के साथ एक जनवरी की शाम अभियुक्त विमली देवी के निमंत्रण पर उसके घर भोजन करने गया था।
भोजन के दौरान विमली देवी के पुत्र पप्पू उरांव से मामूली विवाद हुआ, जो झगड़े में बदल गया। स्थिति बिगड़ने पर विनोद उरांव वहां से भाग गया और बाद में अपने भाई अनुज उरांव के साथ वापस लौटा, लेकिन घर का दरवाजा बंद मिला।
अगली सुबह, मुनिया देवी का शव घर के पीछे गंभीर चोटों के साथ पाया गया। ग्रामीणों की सहायता से उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
घटना की सूचना पर पुलिस ने विमली देवी और पप्पू उरांव के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201/34 के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया। अनुसंधान पूर्ण होने पर आरोप सत्य पाए जाने पर आरोपपत्र दाखिल किया गया।
मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक उमेश दीक्षित तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजय शंकर त्रिपाठी ने पक्ष रखा। अभियोजन ने अपने पक्ष में 14 साक्षियों का बयान दर्ज कराया।
साक्ष्य और दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय ने विमली देवी को हत्या के अपराध में दोषी करार दिया और उसे भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व ₹5000 जुर्माना की सजा सुनाई। साथ ही, न्यायालय ने उसे निर्णय की निःशुल्क प्रति प्रदान कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया।
News - Piyush Tiwari
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