62 करोड़ के टेंडर के बदले 1.88 करोड़ की रिश्वत, ED की जांच में खुली साजिश

ग्रामीण विकास विभाग में हुए टेंडर घोटाले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ा रिश्वतकांड उजागर किया है। जांच में सामने आया कि ठेकेदार राजेश कुमार ने विभाग के तत्कालीन चीफ इंजीनियर वीरेंद्र कुमार राम को 62 करोड़ रुपये के टेंडर के बदले 1.88 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।
ईडी की जांच के अनुसार, यह राशि वीरेंद्र राम के जमशेदपुर स्थित सरकारी आवास पर दी गई थी। वहीं, छापेमारी में उनके घर से टोयोटा इनोवा और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी लक्जरी गाड़ियां मिलीं, जिन्हें ठेकेदार की कंपनियों के नाम पर खरीदा गया था। ईडी का कहना है कि ये गाड़ियां भी रिश्वत का हिस्सा थीं।
राजेश कुमार ने पूछताछ में माना कि उसने टेंडर प्रक्रिया के लिए दो कंपनियां - राजेश कुमार कंस्ट्रक्शंस प्रा. लि. और परमानंद सिंह बिल्डर्स प्रा. लि. - बनाई थीं। बाद में उसने यह भी स्वीकार किया कि वीरेंद्र राम नियमित रूप से कमीशन लेकर टेंडर आवंटित करते थे।
गौरतलब है कि वीरेंद्र कुमार राम को ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग में चीफ इंजीनियर रहते गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई और सरकार ने उन्हें जल संसाधन विभाग में पुनः पदस्थापित कर दिया।
अन्य चित्र



