अपराधधनबाद

धनबाद में भूमि माफिया नेटवर्क के केंद्र में तस्लीम खान उर्फ किशन खान — हालिया छापों में उजागर हुआ नया लिंक

Kusum Kumari
9 नवंबर 2025 को 09:50 am बजे
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Who is Tasleem Khan alias Kishan Khan and how is he linked to the Dhanbad land mafia network exposed in recent police raids?

धनबाद, झारखंड —
प्रिंस खान गिरोह पर चल रही पुलिस जांच में बरवाअड्डा निवासी तस्लीम खान उर्फ किशन खान एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में सामने आया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह बरवाअड्डा और गोविंदपुर-साहिबगंज मार्ग क्षेत्र में जमीन की खरीद-बिक्री और रंगदारी वसूली के मामलों का संचालन करता था।

बैंक मोड़ पुलिस द्वारा रिमांड पर लिए गए आरोपियों — परवेज़ खान (फहीम खान का चचेरा भाई), सैफ आलम उर्फ राशिद (कमर मखदूमी रोड निवासी) और तौसीफ आलम उर्फ मूसा (नवीनगर, मटकुरिया निवासी) — से पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ। इन आरोपियों को चार नवंबर को “प्रिंस कनेक्शन” के तहत हुई छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।


छापेमारी और खुलासे

चार नवंबर को पुलिस की कई टीमों ने प्रिंस खान के 12 सहयोगियों के घरों पर एक साथ छापे मारे, जिनमें किशन खान का घर भी शामिल था। हालांकि वह मौके से फरार हो गया। पांच नवंबर को चार आरोपियों को जेल भेजा गया, जिनमें से तीन से दो दिनों तक गहन पूछताछ की गई।

आरोपियों ने स्वीकार किया कि किशन खान जमीन कारोबार संभालता था और स्थानीय व्यापारियों के संपर्क नंबर प्रिंस खान व गोपी खान को उपलब्ध कराता था। इसके बाद प्रिंस उन्हें फोन कर धमकाता और वसूली करता था।


हवाला नेटवर्क से जुड़ा आर्थिक लेन-देन

जांच में यह भी सामने आया कि रंगदारी से वसूली गई रकम किशन खान के माध्यम से रोजी परवीन (प्रिंस खान की मौसी सास) तक पहुंचती थी। रांची पुलिस ने पूर्व में कोलकाता से रोजी और उसके दामाद को गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, रोजी उस रकम को हवाला चैनलों के जरिये प्रिंस खान तक पहुंचाती थी।


फरार आरोपी की तलाश तेज

धनबाद पुलिस की विशेष टीम ने अब फरार किशन खान की तलाश तेज कर दी है। रिमांड पर लिए गए आरोपियों ने गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी है, जिससे जांच के अगले चरण को दिशा मिल रही है।


जांच के शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि धनबाद में भूमि कारोबार और संगठित अपराध का गहरा गठजोड़ बन चुका है। तस्लीम खान की भूमिका इस पूरे नेटवर्क की जटिलता को उजागर करती है — जहाँ जमीन सौदे, धमकी और हवाला एक ही धागे में जुड़े हैं। प्रशासन के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती इस गिरोह को ध्वस्त करते हुए वैध व्यापारिक गतिविधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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