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झारखंड के पलामू में 10 वर्षीय बच्ची की हत्या, दो दिन से लापता मासूम का शव गांव के कुएं से बरामद

Kusum Kumari
9 नवंबर 2025 को 09:55 am बजे
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10-year-old girl found murdered in Palamu, Jharkhand; body recovered from village well after two days of disappearance

झारखंड के पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र स्थित कोशियारा गांव में उस समय मातम छा गया जब रविवार सुबह गांव के एक कुएं से 10 वर्षीय बच्ची का शव बरामद किया गया। यह बच्ची दो दिन पहले रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी।

परिजनों का आरोप है कि अज्ञात अपराधियों ने बच्ची की बेरहमी से हत्या कर शव को कुएं में फेंक दिया। घटना की जानकारी मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।


पुलिस जांच शुरू, रांची से फॉरेंसिक टीम बुलाई गई

सूचना मिलते ही मेदिनीनगर के एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है

जांच में मदद के लिए डॉग स्क्वॉड को लगाया गया है और रांची से फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है ताकि वैज्ञानिक तरीक़े से साक्ष्य जुटाए जा सकें।

पलामू पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “मामले की गंभीरता को देखते हुए हर पहलू पर बारीकी से जांच की जा रही है।”


राजनीतिक प्रतिक्रिया और जनाक्रोश

डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया घटना की जानकारी मिलते ही स्थल पर पहुंचे और इसे “अत्यंत घृणित और निंदनीय कृत्य” बताया। उन्होंने प्रशासन से त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को उदाहरण स्वरूप सजा दी जानी चाहिए

उन्होंने कहा, “यह जघन्य अपराध सभ्य समाज पर कलंक है। अपराधियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो भविष्य में किसी के लिए सबक बने।”

विधायक ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और मासूम की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


गांव में शोक और भय का माहौल

इस घटना से पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ करने तथा सामुदायिक सतर्कता बढ़ाने की अपील की है।

यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल सुरक्षा और न्याय प्रणाली को लेकर सजगता और जवाबदेही कितनी आवश्यक है।


जांच जारी है, और कोशियारा गांव की यह दर्दनाक घटना राज्य में बाल-सुरक्षा की वास्तविक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। समाज और प्रशासन — दोनों के लिए यह समय है कि वे मिलकर ऐसी त्रासदियों की पुनरावृत्ति रोकने का संकल्प लें।

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