जमशेदपुर में नशे में ड्राइविंग की घटनाएं बढ़ीं, पुलिस की सुस्ती से सड़कें खतरे में

जमशेदपुर में नशे की हालत में वाहन चलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शहर में हर महीने औसतन 20 से अधिक ‘ड्रंक एंड ड्राइव’ केस दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई अब केवल औपचारिकता तक सीमित नजर आती है।
पिछले तीन महीनों में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कई मामलों में चालान काटे गए, जबकि इसी दौरान करीब 90 सड़क हादसे दर्ज हुए। इनमें से अधिकांश में वाहन चालक नशे की स्थिति में पाए गए। विशेषकर रात के समय सड़क हादसों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।
शुक्रवार और शनिवार की रातों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है। ट्रैफिक विभाग के आंकड़ों के अनुसार सप्ताहांत पर ऐसे मामलों में करीब 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखी जाती है। पहले पुलिस इस समय विशेष अभियान चलाती थी, लेकिन अब चेकिंग लगभग बंद हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, शहर में उपलब्ध 15 ब्रेथ एनालाइज़र में से केवल पांच ही कार्यशील हैं, बाकी लंबे समय से खराब पड़े हैं। इसकी वजह से ड्रंक एंड ड्राइव की जांच अभियान लगभग ठप पड़ गया है।
निगरानी में कमी और उपकरणों की खराब स्थिति के कारण अब लोग बेखौफ होकर शराब पीने के बाद टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर चलाते नजर आते हैं। इस लापरवाही से रात के समय सड़क पर खतरा बढ़ गया है और आम नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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