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छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के 117 वर्ष: आदिवासी भूमि अधिकारों की रक्षा का ऐतिहासिक प्रतीक

Sanjana Kumari
11 नवंबर 2025 को 11:53 am बजे
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117 Years of the Chotanagpur Tenancy Act: A Colonial Legacy Shaping Jharkhand’s Tribal Land Rights

छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) को 11 नवंबर 1908 को लागू किया गया था। यह बंगाल काश्तकारी अधिनियम, 1885 की तर्ज पर तैयार किया गया था, परंतु इसमें अनुसूचित जनजातियों से संबंधित विशेष प्रावधान जोड़े गए थे ताकि छोटानागपुर क्षेत्र की आदिवासी भूमि की रक्षा की जा सके। इस अधिनियम में कुल 271 धाराएं हैं जो भूमि स्वामित्व, काश्तकारी अधिकार और हस्तांतरण पर प्रतिबंध से संबंधित प्रावधानों को परिभाषित करती हैं।

इस कानून की पृष्ठभूमि में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हुए जनजातीय विद्रोहों की श्रृंखला रही। भूमि शोषण के विरुद्ध आदिवासियों के बढ़ते आंदोलन को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने सामाजिक संतुलन बनाए रखने और गैर-आदिवासी कब्जे को रोकने के लिए यह अधिनियम लागू किया। इसका प्रारूप (ड्राफ्ट) प्रसिद्ध जेसुइट विद्वान फादर जॉन हॉफमैन ने तैयार किया था।

शोध और विकास

झारखंड राज्य गठन के कुछ वर्षों बाद डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण एवं शोध संस्थान ने इस अधिनियम पर एक 108 पृष्ठों की शोध रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें इतिहास, अध्ययन विधि, वर्तमान स्वरूप और भूमि संबंधी समस्याओं का विस्तृत विश्लेषण किया गया।

हालांकि, प्रारंभिक वर्षों में यह अधिनियम भूमि विवादों को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सका। एफ.ई.ए. टेलर द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर 1938 में संशोधन किया गया, जबकि 1947 में एक नया प्रावधान जोड़ा गया कि कोई भी रैयत अपनी भूमि त्यागने से पहले उपायुक्त की अनुमति प्राप्त करेगा।

संशोधन और वर्तमान महत्व

वरिष्ठ अधिवक्ता रश्मि कात्यायन के अनुसार, अब तक इस अधिनियम में करीब 57 प्रमुख संशोधन किए जा चुके हैं, जिनमें 1929, 1938, 1948 और 1969 के संशोधन विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। इन संशोधनों का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के अनुरूप अधिनियम को प्रासंगिक बनाए रखना रहा है, जबकि इसका मूल लक्ष्य—आदिवासी भूमि की रक्षा—अपरिवर्तित रहा।

117वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी सीएनटी एक्ट झारखंड की भूमि नीति और आदिवासी पहचान का अभिन्न अंग बना हुआ है। यह विकास और परंपरागत अधिकारों के बीच संतुलन की निरंतर चुनौती को रेखांकित करता है।

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