मौसमरांची

ला-नीना और हिमालय में बर्फबारी से झारखंड में नवंबर की ठंड बढ़ी, कई जिलों में पारा 10 डिग्री तक गिरा

Sanjana Kumari
11 नवंबर 2025 को 12:54 pm बजे
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La Nina and Himalayan Snowfall Trigger Early Cold Wave in Jharkhand

हिमालय में बर्फबारी और प्रशांत महासागर के पेरू तट पर बन रहे ला-नीना प्रभाव के कारण झारखंड में नवंबर की शुरुआत से ही शीतलहर चलने लगी है। सामान्यतः दिसंबर या जनवरी में पड़ने वाली ठंड इस बार नवंबर के दूसरे सप्ताह में ही महसूस की जा रही है।

सोमवार को लातेहार में राज्य का न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे कम रहा। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, ला-नीना के चलते इस वर्ष नवंबर से फरवरी तक झारखंड में अधिक ठंड पड़ने की संभावना है।

मौसमी कारण और विश्लेषण

पश्चिमी विक्षोभों से उत्पन्न हिमालयी बर्फबारी के कारण उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली बर्फीली हवाएं झारखंड तक पहुंच रही हैं, जिससे तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है। साफ आसमान और दिन में तेज धूप के बावजूद रात के समय ठंड और बढ़ रही है।

मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट की संभावना जताई है। पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा जिलों में शीतलहर चलने की चेतावनी जारी की गई है। राज्य के कई इलाकों में सुबह के समय घना कुहासा भी छाए रहने की संभावना है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और पर्यावरणीय चिंता

पलामू प्रमंडल में नवंबर 2017 में 9 डिग्री, और 2022 में 7.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह जलवायु परिवर्तन का परिणाम है।

पर्यावरणविद् डॉ. डी.एस. श्रीवास्तव के अनुसार, जलवायु परिवर्तन से मौसम का स्वरूप अस्थिर हो गया है — कहीं समय से पहले गर्मी बढ़ रही है तो कहीं ठंड। ला-नीना के प्रभाव से अधिक वर्षा, चक्रवाती तूफान और फसलों के चक्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

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