झारखंड में सोशल-मीडिया के जरिये सक्रिय आतंकी नेटवर्क

पूर्वी भारत के राज्य झारखंड में खुफिया एजेंसियों के अनुसार 2006-07 से सक्रिय अनेक आतंकी संगठन फिर से गति पकड़ रहे हैं। पूर्व में Indian Mujahideen और SIMI के स्लीपर-सेल थे, अब Al Qaeda in the Indian Subcontinent (AQIS), Hizb ut‑Tahrir, Jama’at‑ul‑Mujahideen Bangladesh (JMB) जैसे समूह देशव्यापी सक्रिय हो रहे हैं—वे सोशल-मीडिया के माध्यम से युवाओं को जिहाद के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
रांची का डॉक्टर और AQIS मॉड्यूल
रायचंद के एक बड़े अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के रूप में काम कर रहे डॉ Ishtiaq Ansari पर आरोप है कि उन्होंने AQIS का रांची मॉड्यूल तैयार किया था। इस मॉड्यूल ने Jaish‑e‑Mohammed के साथ मिलकर training-camp भिवंडी (महाराष्ट्र) में आयोजित किया और विदेश में बैठे हैंडलर्स से संवाद किया। दिल्ली-एटीएस ने 22 अगस्त को एक छापेमारी कर संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, इसके बाद डॉ Ansari को भी हिरासत में लिया गया।
अशहर दानिश: मास्टरमाइंड और रासायनिक हथियार साजिश
रांची में लॉज में रहने वाला एक सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा युवक Ashhar Danish पूरे देश में युवा-भर्ती व कट्टरपंथी अभियान का कर्णधार था। दिल्ली में ‘आफताब’ समेत छह की गिरफ्तारी के बाद अशहर को रांची से पकड़ा गया। उसके ठिकानों पर रासायनिक हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए। सोशल-मीडिया उस उद्देश्य के लिए महत्वपूर्ण प्लेट-फॉर्म रहा।
स्टूडेंट से ISIS सदस्य तक
रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज के पूर्व छात्र Faizan Ansari को हिरासत में लिया गया है। अलीगढ़ में शिक्षा के दौरान कट्टरपंथियों के संपर्क में आने के बाद Faizan ने ISIS से जुड़कर काम किया। इसी मामले में यूपी का राहुल सन उर्फ उमर बहादुर भी एनआईए ने गिरफ्तार किया, और 24 जनवरी 2024 को चार्ज-शीट दाखिल हुई।
संताल पर्गना में जेएमबी का जाल
संताल पर्गना क्षेत्र में खुफिया एजेंसियों ने सैकड़ों ऐसे लोगों को चिन्हित किया जिन्हें JMB समर्थक माना गया। इस वर्ष जनवरी में JMB का आतंकी Abdul Mammun बांग्लादेश से एक-दिन के लिए भारत आया और पाकुड़ में प्रशिक्षण देकर वापस चला गया।
बिहार-झारखंड में पुरानी ब्लास्ट कड़ियाँ
आधिकारियों का कहना है कि रांची स्थित मॉड्यूल ने अक्टूबर 2013 में पटना में Narendra Modi की सभा में हुए ब्लास्ट की साजिश रची थी। इससे पहले इम्तियाज अंसारी द्वारा बोधगया में भी बम फटाया गया था। पूर्व में Indian Mujahideen-से जुड़े कई मामले में रांची में दानिश व मंज़र इमाम को गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह भी पता चला है कि भटकल भाईयों ने कुछ समय रांची में आश्रय लिया था।
यह सोशल-मीडिया के ज़रिए युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर ले जाने एवं आतंकी साजिशें रचने वाले नेटवर्क पुनः सक्रिय होने का संकेत है — जो देश और विशेष रूप से झारखंड जैसे राज्य के लिए गंभीर सुरक्षा-चिन्ह है। उपयुक्त निगरानी व समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता इससे पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।
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