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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद झारखंड के शहरों में अब जरूरी हुआ पालतू जानवरों का पंजीकरण

Kusum Kumari
12 नवंबर 2025 को 02:15 am बजे
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Pet Registration Becomes Compulsory in Jharkhand’s Urban Areas After Supreme Court Directive

झारखंड के शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को अब अपने पालतू कुत्तों और बिल्लियों का पंजीकरण कराना अनिवार्य हो गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लिए गए एक मामले में जारी आदेश के बाद राज्य के नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों को इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

गढ़वा नगर परिषद ने इस आदेश पर अमल करते हुए आम सूचना जारी कर लोगों से शीघ्र पंजीकरण कराने की अपील की है। वहीं राज्य के अन्य नगर निकाय भी सूचना जारी करने की प्रक्रिया में हैं।

पंजीकरण नहीं कराने पर कार्रवाई

नगर निकायों के अनुसार, जो नागरिक पंजीकरण नहीं कराएंगे, उनके खिलाफ झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

  • आम नागरिकों के लिए शुल्क ₹100 तय किया गया है।

  • व्यवसायिक या प्रजनन के उद्देश्य से पाले गए पशुओं के लिए शुल्क ₹1000 निर्धारित है।

पंजीकरण के समय मालिक को पहचान-पत्र, टीकाकरण प्रमाणपत्र और पालतू का फोटो प्रस्तुत करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

सर्वोच्च न्यायालय ने हाल के वर्षों में बढ़ती आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई है। अदालत ने इसे खतरनाक प्रवृत्ति बताया और राज्यों को निर्देश दिया कि संस्थागत स्थलों से आवारा कुत्तों को तत्काल हटाया जाए। साथ ही सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

रांची में पंजीकरण की स्थिति चिंताजनक

रांची नगर निगम क्षेत्र में करीब 25 हजार पालतू कुत्ते हैं, लेकिन उनमें से केवल एक हजार का ही पंजीकरण हुआ है। 2017 के सर्वे में नगर क्षेत्र में 1.25 लाख कुत्ते पाए गए थे, जबकि 2012 में यह संख्या 37 हजार से अधिक थी।

इस वर्ष अगस्त तक निगम ने 1.33 लाख आवारा कुत्तों का बंध्याकरण किया है। यह अभियान एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट-2023 के तहत चलाया जा रहा है। पिछले दो सालों में 2034 नर कुत्तों और 2132 मादा कुत्तियों को एंटी-रैबीज का टीका लगाया गया है।

जानकारों का कहना है कि अधिकांश पालतू जानवरों के मालिक पंजीकरण के प्रति उदासीन रहते हैं, जिससे कई बार किसी के काटे जाने की घटना के बाद समस्या उत्पन्न हो जाती है। पशुपालन विभाग नगर निगम के साथ समन्वय कर कुत्तों की आबादी पर नियंत्रण और एंटी-रैबीज टीके की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।

यह नया नियम न केवल पालतू पशुओं की जवाबदेही तय करेगा बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और पशु-कल्याण को भी मजबूत करेगा।

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