अपराधरांची

दिल्ली कार ब्लास्ट: डॉक्टर दो साल से जुटा रहे थे विस्फोटक, कई शहरों में धमाकों की थी साजिश; डॉ शाहीन के खुलासे ने खोले राज़

Sanjana Kumari
12 नवंबर 2025 को 03:00 am बजे
40 बार देखा गया
Delhi Car Blast: Doctors Stockpiled Explosives for Two Years; Plot to Hit Multiple Cities Uncovered Through Dr. Shaheen’s Confession

दिल्ली के लाल किला के पास सोमवार को हुए संदिग्ध कार ब्लास्ट की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, इस घटना के पीछे डॉ उमर उन नबी मुख्य साजिशकर्ता हैं, जो फरीदाबाद मॉड्यूल का सबसे कट्टर सदस्य था।
इस मॉड्यूल में शामिल अन्य डॉक्टर — डॉ मुजम्मिल अहमद गणाई, डॉ अदील मजीद राथर, और डॉ शाहीन शाहिद — पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

श्रीनगर में हुई पूछताछ में डॉ शाहीन शाहिद ने बताया कि उमर देशभर में आतंकी हमलों की योजना बनाता था। ये चारों अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद में साथ काम करते थे और काम के बाद गुप्त बैठकों में आतंकी गतिविधियों पर चर्चा करते थे।

दो साल से कर रहे थे विस्फोटक इकट्ठा

जांच एजेंसियों के अनुसार, उमर, मुजम्मिल और अदील लगभग दो वर्षों से अमोनियम नाइट्रेट और डिटोनेटर जैसी सामग्री जमा कर रहे थे।
यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के निर्देश पर देशभर में आतंकी हमले करने की थी।
तीनों को पहले ही जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया था, जबकि उमर फरार हो गया था।
अब उस पर आरोप है कि उसने लाल किले के पास i20 कार में विस्फोटक रखकर धमाका किया।

जैश नेटवर्क का विस्तार

गिरफ्तार डॉक्टरों से पूछताछ में जैश-ए-मोहम्मद के व्यापक नेटवर्क का खुलासा हुआ है।
शाहीन ने बताया कि उसका भाई परवेज सईद भी उनके चैट ग्रुप का सदस्य था।
मंगलवार को लखनऊ में उसे हिरासत में लिया गया, लेकिन कोई बड़ी बरामदगी नहीं हो सकी।
संभावना है कि उसने गिरफ्तारी से पहले विस्फोटक सामग्री नष्ट कर दी।
इस बीच, गुरुग्राम स्थित एक अमोनियम नाइट्रेट सप्लायर की पहचान भी हुई है, जिस पर जल्द छापेमारी की जाएगी।

मौलवियों के नेटवर्क से जुड़ा कट्टरपंथी गिरोह

फरीदाबाद और दिल्ली में हुई छापेमार कार्रवाई में कई मौलवियों के नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जो शिक्षित युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे थे।
इनमें शोपियां के मौलवी इरफान अहमद वागे, जो पाकिस्तान स्थित जैश हैंडलर उमर बिन खत्ताब उर्फ हर्जुल्ला के संपर्क में था, और मेवात के मौलवी हाफिज मोहम्मद इश्तियाक शामिल हैं, जो आतंकियों को लॉजिस्टिक मदद दे रहा था।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार —

“मेडिकल पेशा आतंकियों के लिए एक आदर्श ढाल था, जिससे वे बिना शक के अपनी साजिशों को अंजाम दे सकते थे।”

पहले भी मिले हैं डॉक्टरों के आतंकी लिंक

यह पहला मौका नहीं है जब किसी कश्मीरी डॉक्टर का नाम आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हो।
नवंबर 2023 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एसएमएचएस हॉस्पिटल, श्रीनगर के डॉ निसार-उल-हसन को आतंकियों से संबंध होने पर बर्खास्त किया था।
अब जांच की जा रही है कि क्या उनका फरीदाबाद मॉड्यूल या दिल्ली ब्लास्ट से कोई संबंध था।

अन्य चित्र

Article image