अमन साहू मुठभेड़ पर झारखंड हाईकोर्ट का सख्त रुख, दो सप्ताह में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश

झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को कुख्यात अपराधी अमन साहू की कथित पुलिस मुठभेड़ मामले में राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि सात महीने बीत जाने के बावजूद अब तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई और किस कानूनी प्रावधान के तहत इसे टाला गया।
“कानून से ऊपर कोई नहीं,” अदालत की कड़ी टिप्पणी
न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायमूर्ति अरुण राय की खंडपीठ ने यह टिप्पणी उस याचिका की सुनवाई के दौरान की, जिसमें मुठभेड़ की सीबीआई जांच की मांग की गई है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के “ललिता कुमारी बनाम राज्य” मामले में यह सिद्धांत स्थापित किया गया है कि किसी भी संज्ञेय अपराध की सूचना मिलने पर प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य है।
खंडपीठ ने कहा, “कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है — चाहे वह डीजीपी ही क्यों न हो।” अदालत ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को निर्धारित की गई है।
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