पलामू पुलिस का अभियान: अवैध अफीम की खेती पर कड़ी निगरानी, सत्यापन में नहीं मिली नई फसल

पलामू जिले में पुलिस प्रशासन ने अवैध अफीम की खेती के विरुद्ध चल रहे विशेष अभियान के तहत कई क्षेत्रों में भौतिक सत्यापन (Field Verification) किया। निरीक्षण में यह पाया गया कि जिन स्थलों पर पिछले वर्ष अफीम की खेती की गई थी और जहां फसल विनष्ट कर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, वहां इस वर्ष कोई नई खेती नहीं की गई है।
10 और 11 नवंबर को कई थाना क्षेत्रों का किया गया निरीक्षण
10 नवंबर को पुलिस टीमों ने मनातू थाना क्षेत्र के खारिकदाग स्थित इटवाही जंगल और पांकी थाना क्षेत्र के केकरगढ़ पंचायत अंतर्गत बगडेगवा, राणादह, फुचेरी और जसपुर गांवों में निरीक्षण किया।
रिपोर्ट में उल्लेख है कि इन सभी स्थलों पर इस वर्ष किसी भी प्रकार की जोत-कोड़ या अफीम की नई फसल नहीं पाई गई।
11 नवंबर को मनातू थाना क्षेत्र के उरूर गांव के जंगल तथा पांडू थाना क्षेत्र के बरवाही गांव के जंगली इलाके में भी पिछले वर्ष के सत्यापित स्थलों का पुनः निरीक्षण किया गया। पुलिस ने पाया कि इन इलाकों में अफीम की कोई नई खेती नहीं हुई है, जबकि कुछ स्थानों पर किसानों ने आलू और अरहर की फसलें बोई हैं।
सतत निगरानी और भविष्य की रोकथाम पर जोर
पलामू पुलिस ने बताया कि जिले में किसी भी हिस्से में अवैध अफीम की खेती न हो, इसके लिए निरंतर जमीनी निगरानी, सत्यापन और संभावित नए स्थलों की पहचान का कार्य जारी है।
अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय पुलिस और खुफिया इकाइयाँ मिलकर ऐसे क्षेत्रों पर विशेष नजर रख रही हैं जहाँ पूर्व में अफीम की अवैध खेती पाई गई थी।
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