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गढ़वा में तीन महीने से पशु अस्पतालों में दवा का अभाव, पशुपालक निजी दुकानों से महंगी दवा खरीदने को मजबूर

Sanjana Kumari
14 नवंबर 2025 को 04:35 pm बजे
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Garhwa Veterinary Hospitals Face Acute Drug Shortage for Three Months; Livestock Owners Forced to Buy Medicines Privately

झारखंड के गढ़वा जिले में पशु अस्पतालों में बीते तीन महीनों से दवाओं का भारी संकट बना हुआ है।
पशुपालकों को उपचार की जगह केवल सलाह दी जा रही है, क्योंकि पिछले एक वर्ष से दवा की कोई नई खेप नहीं पहुंची है और पुराना स्टॉक समाप्त हो चुका है।

जिलास्तरीय अस्पताल में रोजाना 40–50 पशुपालक दवा के लिए पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें निजी बाजार से दवा खरीदनी पड़ रही है।

साधारण दवाएं भी नहीं उपलब्ध

बुखार की दवा, कीड़ा नाशक दवा, दस्त की दवा, घाव की मरहम, जख्म स्प्रे और नियमित टीके—सबका अभाव है।
दवाओं की खरीद अब निदेशालय स्तर से होती है, लेकिन गढ़वा तक आपूर्ति महीनों से नहीं पहुंच सकी है।

संसाधनहीन मॉडल अस्पताल

गढ़वा, रंका, मझिआंव और नगरउंटारी के पशु औषधालय को हाल ही में मॉडल अस्पताल घोषित किया गया, परंतु यहां भी न दवा है और न पर्याप्त चिकित्सक।
जिले में 28 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 10 पशु चिकित्सक कार्यरत हैं।

मोबाइल वेटनरी वाहन उपयोगहीन

करीब डेढ़ वर्ष पहले मिले 14 मोबाइल वेटनरी वाहन में से केवल एक वाहन पर ही चिकित्सक तैनात है।
बाकी वाहन प्रखंड स्तर पर खड़े हैं और उपयोग में नहीं लाए जा रहे।

स्थिति विकट: जिला पशुपालन पदाधिकारी

जिला पशुपालन पदाधिकारी विद्यासागर के अनुसार, “अस्पताल को बेहद विकट स्थिति में चलाया जा रहा है। दवा की खेप एक साल पहले आई थी, जो समाप्त हो चुकी है। पिछले तीन महीने से दवाओं का घोर अभाव है।”

News - Piyush Tiwari

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