बिरसा फसल विस्तार योजना के तहत झारखंड में ‘एक गांव–एक फसल’ मॉडल लागू, 100 गांव चयनित

झारखंड कृषि विभाग ने बिरसा फसल विस्तार योजना के तहत एक गांव–एक फसल पहल की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत 100 गांवों का चयन किया जाएगा, जहाँ एक ही किस्म की फसल का प्रत्यक्षण किया जाएगा ताकि परिणाम स्पष्ट और प्रभावी दिख सकें।
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि छोटे-छोटे बिखरे प्लॉटों की जगह क्लस्टर आधारित मॉडल अपनाया जाए। विभाग ने जिला और अनुमंडल कृषि पदाधिकारियों को गांव चयन हेतु निर्देश जारी कर दिए हैं।
तेलहन के लिए 16,101 हेक्टेयर भूमि चिन्हित
योजना के तहत चयनित गांवों की 16,101 हेक्टेयर भूमि पर तेलहन की खेती कराई जाएगी। किसानों को प्रति हेक्टेयर छह किलोग्राम तेलहन बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
बीज वितरण योजनाएँ इस प्रकार हैं—
टरफा के तहत 5,710 हेक्टेयर में 50 किलो/हेक्टेयर चना
एनएफएसएनएम के तहत 3,000 हेक्टेयर में चना बीज
1,900 हेक्टेयर में टरफा के तहत मसूर
1,600 हेक्टेयर में एनएफएसएनएम के तहत मसूर
1,900 हेक्टेयर में टरफा के तहत मूंग बीज वितरण
बीज वितरण और निगरानी के लिए प्रत्येक गांव का अलग क्लस्टर तैयार किया जाएगा।
खरीफ लाभार्थियों को नहीं मिलेगा लाभ
वे गांव जिन्हें खरीफ सीजन में सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है, उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा। विभाग के अनुसार, कई बार एक ही गांव को बार-बार लाभ दिए जाने से सरकारी योजनाओं का प्रभाव सीमित रह जाता था।
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