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रांची के धुर्वा डैम में कार गिरने से जमशेदपुर से आए जजों के तीन कर्मचारियों की मौत, एक लापता

Akash Nath Kar
17 नवंबर 2025 को 04:40 am बजे
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Three Staff Members of Jamshedpur Judges Die After Car Plunges into Dhurwa Dam in Ranchi Late Friday Night

देर रात हुआ दर्दनाक हादसा

रांची के धुर्वा डैम क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक मार्मिक हादसा हुआ, जिसमें जमशेदपुर से आए दो जजों के साथ मौजूद चार कर्मचारियों में से तीन की मौत हो गई। चौथे कर्मचारी, सत्येंद्र सिंह, का अब तक कोई पता नहीं चल सका है और उनकी तलाश रविवार सुबह भी जारी रहेगी।

मृतकों में बॉडीगार्ड उपेंद्र सिंह, बॉडीगार्ड रोबिन कुजूर और चालक अनिल सिंह शामिल हैं। ये सभी रात लगभग 11 बजे गेस्ट हाउस से थोड़ी देर घूमने के लिए डैम क्षेत्र की ओर निकले थे।

कैसे हुआ हादसा

स्थानीय निवासियों के अनुसार, डैम के मुख्य गेट के पास पिछले कई दिनों से सोलर स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी थीं, जिसके कारण रात में पूरा इलाका घने अंधकार में डूबा रहता था।

इसी अंधेरे में चालक अनिल सिंह वाहन पर नियंत्रण खो बैठे और कार सीधे डैम के गहरे पानी में जा गिरी। पानी के अत्यधिक दबाव के कारण वाहन में फंसे तीनों की दम घुटने से मौत हो गई।

रेस्क्यू ऑपरेशन और जांच

पानी के भीतर कार की झिलमिलाती लाइट देखकर स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद धुर्वा थाना, स्थानीय गोताखोर और एनडीआरएफ की टीमों ने राहत कार्य शुरू किया।

कड़ी मशक्कत के बाद कार को बाहर निकाला गया और तीनों शव बरामद किए गए। कार के भीतर दोनों बॉडीगार्ड के सरकारी हथियार भी मिले।

चालक सत्येंद्र सिंह वाहन में नहीं मिले। आशंका है कि कार गिरते ही उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश की और तीव्र बहाव में बह गए।

शोक और प्रशासन पर सवाल

चारों कर्मचारी जमशेदपुर के जगसुलाई क्षेत्र के रहने वाले थे, जबकि रोबिन कुजूर का पैतृक घर बिहार के टेकारी में स्थित है। हादसे की खबर मिलते ही परिजन रांची पहुंचे, जहां सत्येंद्र के रिश्तेदार पूरी रात डैम किनारे उसकी खोज की उम्मीद में डटे रहे।

तीनों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है।

स्थानीय नागरिकों ने धुर्वा डैम क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि महीनों से बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने के लिए बार-बार शिकायतें की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनके अनुसार, यदि पर्याप्त रोशनी होती तो यह दुर्घटना टल सकती थी।

घटना की जानकारी मिलने के बाद कई जज, पुलिस अधिकारी और न्यायालय कर्मचारी मौके पर पहुंचे। नगड़ी थाना में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

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