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सर्दी की दस्तक के बावजूद सब्जियों के दाम ऊंचे, बारिश से फसल नुकसान के कारण झारखंड में कीमतें स्थिर

Sanjana Kumari
17 नवंबर 2025 को 11:42 am बजे
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Winter Fails to Cool Prices: Vegetable Rates Remain High in Jharkhand as Rain-Driven Crop Loss Hits Supply

झारखंड के बाजारों में सर्दी की शुरुआत के बावजूद सब्जियों के दामों में गिरावट नहीं देखी गई है। रोजमर्रा की सब्जियों के महंगे होने से उपभोक्ताओं का रसोई बजट बिगड़ा हुआ है।
आमतौर पर ठंड के मौसम में आपूर्ति बढ़ने से सब्जियों की कीमतें कम होती हैं, लेकिन इस बार बारिश से हुए फसल नुकसान ने बाजार को प्रभावित रखा है।

बारिश से फसलें सड़ीं, आपूर्ति घटी

दुर्गा पूजा और छठ के बाद हुई भारी बारिश ने खेतों में जलभराव पैदा कर दिया, जिससे कई फसलें सड़ गईं। किसानों का कहना है कि उत्पादन कम होने के कारण कीमतें सामान्य नहीं हो पा रही हैं।
हालांकि, मौसम अब अनुकूल है और नई फसलें तेजी से बढ़ रही हैं। किसानों का अनुमान है कि अगले 15–20 दिनों में आवक बढ़ने पर राहत मिल सकती है।

आलू और टमाटर बढ़ा रहे हैं दबाव

इन दिनों टमाटर और आलू सबसे महंगे सब्जियों में शामिल हैं—

  • नया आलू: ₹50 प्रति किलो

  • पुराना आलू: ₹25 प्रति किलो

  • देसी प्याज: ₹25 प्रति किलो

  • टमाटर: ₹60 प्रति किलो

किसानों के अनुसार, टमाटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है, इसलिए कीमतों में अभी कमी की संभावना कम है।

वर्तमान बाजार दर (₹/किलो)

फूलगोभी 60

पत्ता गोभी 40

पुराना आलू 25

नया आलू 50

प्याज 25

पालक 60

लाल साग 40

मेथी 80

चना साग 100

मूली 40

सेम 80

धनिया पत्ता 200–250

शिमला मिर्च 80

मटर 160

गाजर 50–60

बीट 50–60

कटहल 100–120

बैंगन (बड़ा) 60

कद्दू 40–50

भिंडी 80

ओल 60

फ्रेंचबीन 60–80

हरी मिर्च 40–60

बोदी 60–80

परवल 50–60

कुंदरी 40–50

असमय बारिश से सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित होने के कारण झारखंड में बाजार अब भी महंगा है। किसानों का मानना है कि नई फसलों की ताजगी आने तक उपभोक्ताओं को कुछ और सप्ताह ऊंचे दाम झेलने पड़ सकते हैं। यह स्थिति बताती है कि जलवायु परिवर्तन किस तरह प्रदेश की खाद्य आपूर्ति को प्रभावित कर रहा है।

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