शिक्षारांची

जैक मैट्रिक-इंटर परीक्षा का ऑनलाइन आवेदन 12 दिसंबर तक; 35% शुल्क वृद्धि पर छात्र संगठनों का विरोध तेज

Sanjana Kumari
20 नवंबर 2025 को 09:25 am बजे
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JAC Opens Online Applications for Class 10 and 12 Board Exams Until December 12 as Fee Hike Sparks Student Protests

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने वर्ष 2026 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जैक की अधिसूचना के अनुसार आवेदन 18 नवंबर से प्रारंभ हो चुके हैं और बिना विलंब शुल्क 5 दिसंबर तक, जबकि विलंब शुल्क के साथ 6 से 12 दिसंबर तक भरे जा सकेंगे।

परीक्षा फरवरी 2026 में आयोजित की जानी है और इस बार लगभग आठ लाख छात्र-छात्राओं के शामिल होने की संभावना है।

आवेदन सत्यापन और शुल्क भुगतान के नए प्रावधान

जैक ने निर्देश दिया है कि प्रत्येक छात्र अपना स्टूडेंट इन्फॉर्मेशन शीट सावधानीपूर्वक भरकर विद्यालय में जमा करे।
विद्यालय प्रबंधन दस्तावेजों का सत्यापन कर ऑनलाइन पंजीकरण सूची तैयार करेगा।

परीक्षा शुल्क का भुगतान केवल NEFT/RTGS के माध्यम से किया जाएगा और प्रत्येक भुगतान के साथ अलग UTR नंबर अनिवार्य है।
भुगतान ऑनलाइन जनरेट हुए चालान की तिथि से दो कार्यदिवस के भीतर किया जाना चाहिए।

छात्र अपने डेटा की ऑनलाइन जांच कर आवश्यक सुधार कर सकेंगे, जबकि विद्यालय भी दस्तावेज़ सत्यापन के आधार पर सुधार कर सकता है। निर्धारित समय सीमा के बाद कोई संशोधन स्वीकार नहीं होगा।

परीक्षा शुल्क में 35 प्रतिशत तक वृद्धि

जैक ने वर्ष 2026 परीक्षा सत्र के लिए परीक्षा शुल्क में लगभग 35% वृद्धि की है। नई संरचना के अनुसार:

  • नियमित छात्राएँ: ₹980

  • नियमित छात्र (सामान्य/EWS): ₹1180

  • SC/ST/BC-I/BC-II के नियमित छात्र: ₹980

  • लेट फीस (सभी के लिए): ₹500

  • पुराने/सुधार श्रेणी के परीक्षार्थी: ₹810 से ₹1510

जैक अध्यक्ष ने कहा कि कई वर्षों से शुल्क संशोधित नहीं किया गया था, इसलिए “वाजिब वृद्धि” की गई है।

छात्र संगठनों का विरोध

आजसू ने शुल्क वापसी की मांग की

अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रतिनिधिमंडल ने जैक अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपते हुए शुल्क वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग की।
संगठन ने कहा कि यह बढ़ोतरी छात्रों और अभिभावकों पर अनुचित आर्थिक बोझ है।

आइसा ने कहा—यह गरीब व आदिवासी छात्रों पर सीधी मार

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने बयान जारी कर शुल्क वृद्धि को “गरीब और आदिवासी छात्रों पर सीधा प्रहार” बताया।
संगठन ने कहा कि मैट्रिक शुल्क में ₹290 और इंटर शुल्क में ₹340 की वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब राज्य में आर्थिक चुनौतियाँ पहले से गंभीर हैं।

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