सरायकेला में तेज रफ्तार हाइवा मकान पर चढ़ा, पिता-पुत्री की मौत; ग्रामीणों ने एजेंसी से जवाबदेही मांगी

सरायकेला-खरसावां जिले के पालोबेड़ा में रविवार तड़के एक गिट्टी लदा हाइवा अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बने मिट्टी के घर पर पलट गया। हादसे में 30 वर्षीय बीरबल मुर्मू और उनकी डेढ़ वर्षीय बेटी अनुश्री की मौके पर ही मौत हो गई।
पत्नी सेफाली मुर्मू घायल हो गईं। चालक मौके से फरार हो गया। कांड्रा थाना पुलिस ने पहुंचकर वाहन को जब्त किया।
निर्माण एजेंसी से मुआवजे की मांग
हाइवा लीडिंग कंस्ट्रक्शन का था, जो हाड़ीभंगा से कालाझोर तक लगभग 18 किमी सड़क निर्माण कर रही है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर विशेषकर रात में वाहनों की रफ्तार अत्यधिक बढ़ जाती है।
हादसे की जानकारी के बाद ग्रामीण बड़ी संख्या में जुट गए और एजेंसी के मैनेजर मंजीत सिंह को घेरकर 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग करने लगे।
लगभग 10 घंटे की वार्ता के बाद 25 लाख रुपये पर सहमति बनी। अंतिम संस्कार के लिए 1 लाख रुपये तुरंत दिए गए। शेष राशि 26 नवंबर तक देने का वादा किया गया। एजेंसी ने घर के पुनर्निर्माण का आश्वासन भी दिया।
बीरबल ने स्वयं तेज रफ्तार का विरोध किया था
ग्रामीणों ने बताया कि बीरबल लंबे समय से तेज रफ्तार और अधूरी सड़क पर भारी वाहनों के संचालन का विरोध कर रहे थे। दुर्भाग्यवश, उसी समस्या ने उनकी जान ले ली।
पत्नी ने कहा कि बेटी को स्वेटर पहनाने में हुई देरी न होती तो शायद हादसा टल सकता था।
ग्रामीणों का आक्रोश और प्रशासन की मौजूदगी
वार्ता के दौरान बीडीओ साधुचरण देवगम, मुखिया सुगी मुर्मू, पंसस मोनो टुडू, कांड्रा थाना प्रभारी विनोद कुमार मुर्मू, स्थानीय जनप्रतिनिधि और एजेंसी के अधिकारी उपस्थित थे। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार शिकायतों के बावजूद वाहनों की रफ्तार नियंत्रित नहीं की गई।
समीक्षा बैठक के बावजूद बढ़े हादसे
जिला प्रशासन ने दो दिन पहले ही सड़क दुर्घटना नियंत्रण पर समीक्षा बैठक की थी। इसके बावजूद लगातार दो दिनों में पांच लोगों की जान जा चुकी है—शनिवार को राजनगर में भी एक हाइवा पलटने से तीन मौतें हुई थीं।
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