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घाटशिला विधानसभा उपचुनाव 11 नवंबर को, 14 नवंबर को होगी मतगणना
jayant Kumar
10 अक्टूबर 2025 को 08:12 am बजे
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बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर उपचुनाव 11 नवंबर को आयोजित किया जाएगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। यह घोषणा निर्वाचन आयोग द्वारा की गई है। सीट राज्य के पूर्व शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद रिक्त हुई है। सोरेन 2 अगस्त को बाथरूम में गिरकर घायल हो गए थे और 15 अगस्त को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
यह उपचुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला उपचुनाव होगा। इससे पहले उनके प्रथम कार्यकाल में पांच उपचुनाव हुए थे, जिनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि एनडीए को एक सीट मिली थी। रामगढ़ उपचुनाव में आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी विजयी रही थीं।
पूर्व उपचुनावों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘परिवारिक उत्तराधिकार’ रणनीति अपनाई थी। हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके पुत्र हफीजुल हसन अंसारी को मधुपुर सीट पर मंत्री पद देकर चुनाव में उतारा गया था, और वे विजयी हुए थे। इसी प्रकार, डुमरी से पूर्व मंत्री जगन्नाथ महतो के निधन के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को चुनाव पूर्व मंत्री बनाया गया, जिन्होंने उपचुनाव में जीत हासिल की।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस बार भी हेमंत सोरेन इसी रणनीति को दोहरा सकते हैं। अनुमान है कि दिवंगत रामदास सोरेन के परिवार से या तो उनके पुत्र सोमेश सोरेन या पत्नी सूरजमुनि सोरेन को मंत्री बनाकर चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी इस उपचुनाव में पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है। कोल्हान क्षेत्र में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधायक चंपाई सोरेन को प्रमुख भूमिका दी जा सकती है। चंपाई सोरेन पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े थे और बाद में भाजपा में शामिल हुए थे।
2024 के विधानसभा चुनाव में चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन ने घाटशिला से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, परंतु उन्हें रामदास सोरेन ने 22,446 मतों के अंतर से पराजित किया था।
सूत्रों के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से इस बार दिवंगत रामदास सोरेन के परिवार से किसी एक सदस्य के उम्मीदवार बनने की संभावना तय मानी जा रही है। वहीं भाजपा ने चार संभावित नाम—बाबूलाल सोरेन, लखन मार्डी, सुनीता देवदूत सोरेन और रमेश हांसदा—केंद्रीय नेतृत्व को भेजे हैं। अंतिम निर्णय पार्टी के संसदीय बोर्ड की दिल्ली बैठक में लिया जाएगा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बाबूलाल सोरेन का नाम सबसे प्रबल दावेदार के रूप में सामने आया है।
घाटशिला विधानसभा क्षेत्र की 2,55,823 मतदाता इस उपचुनाव में अपने नए प्रतिनिधि का चयन करेंगे।
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