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झारखंड हाईकोर्ट का सख्त रुख: नगर निकाय चुनाव की अनुशंसा तीन सप्ताह में पेश करने का निर्देश
Sanjana Kumari
14 अक्टूबर 2025 को 04:48 pm बजे
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रांची। झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को तीन सप्ताह के भीतर नगर निकाय चुनाव कराने संबंधी अनुशंसा अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मंगलवार को जस्टिस आनंद सेन की एकल पीठ में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने चुनाव संबंधी देरी पर नाराज़गी जाहिर की और स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में संवैधानिक प्रक्रिया को लंबित नहीं रखा जा सकता।
सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार उपस्थित रहे। न्यायालय को बताया गया कि राज्य सरकार चुनाव आयोजित करने के लिए तैयार है, राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति पूरी हो चुकी है, और सभी आवश्यक आंकड़े तैयार हैं।
वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोजन के लिए तीन महीने का समय मांगा। इस पर अदालत ने कारण स्पष्ट करने हेतु शपथपत्र दाखिल करने को कहा और टिप्पणी की कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े ट्रिपल टेस्ट सर्वे को चुनाव टालने का कारण नहीं माना जा सकता। अदालत ने आयोग को तीन सप्ताह के भीतर चुनाव कराने की अनुशंसा प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 10 नवंबर को निर्धारित की।
यह मामला रांची नगर निगम की पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की याचिका पर सुनवाई के दौरान उठा, जिन्होंने नगर निकाय चुनावों में लगातार हो रही देरी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। इससे पहले अदालत ने 4 जनवरी 2024 को भी आदेश दिया था कि चुनाव तीन सप्ताह में कराए जाएं, परंतु उसका पालन नहीं हुआ।
अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि नगर निगमों और निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो चुका है, लेकिन ओबीसी आरक्षण निर्धारण और ट्रिपल टेस्ट सर्वे प्रक्रिया के चलते चुनाव लगातार टलते रहे। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यह सर्वे अब चुनाव में देरी का बहाना नहीं बन सकता।
राज्य सरकार ने बताया कि ट्रिपल टेस्ट सर्वे की रिपोर्ट अंतिम रूप में कैबिनेट को भेजी जा चुकी है और शीघ्र ही निर्वाचन आयोग को चुनाव कार्यक्रम की अनुशंसा दी जाएगी। सरकार ने दावा किया कि वह हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार चुनाव आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार है।
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