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बिहार चुनाव से पहले झामुमो का अप्रत्याशित निर्णय: महागठबंधन से संबंधों में दरार के संकेत

Sanjana Kumari
22 अक्टूबर 2025 को 09:22 am बजे
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JMM’s Sudden Withdrawal from Bihar Polls: Signs of a Rift with RJD

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान से हटाने का निर्णय लेकर राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है। कुछ दिनों पूर्व पार्टी ने छह सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, किन्तु अब उसने इस फैसले से पीछे हटते हुए पूरे चुनाव को अपने लिए “अविश्वासजनक और अनुचित अनुभव” बताया है।

झारखंड सरकार में मंत्री और झामुमो नेता सुदिव्य सोनू ने 20 अक्टूबर को आयोजित प्रेस वार्ता में महागठबंधन की प्रमुख पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि गठबंधन में झामुमो की भूमिका को लेकर कोई स्पष्टता या सौहार्दपूर्ण संवाद नहीं हुआ। सोनू के अनुसार, आरजेडी और कांग्रेस दोनों इस स्थिति के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो को तीन सीटों का आश्वासन दिया गया था, लेकिन बाद में उन सीटों का बंटवारा आरजेडी, कांग्रेस और जदयू के बीच कर लिया गया। मंत्री ने इसे “झारखंडी अस्मिता और आदिवासी भावना” के प्रति असंवेदनशीलता करार दिया। उन्होंने कहा कि झामुमो आदिवासी समुदाय की राजनीतिक आवाज है और इस आवाज को दबाने के किसी भी प्रयास का जवाब दिया जाएगा।

सोनू ने संकेत दिए कि पार्टी निकट भविष्य में महागठबंधन के साथ अपने संबंधों की समीक्षा करेगी और आगे की रणनीति पर पुनर्विचार करेगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि हाल में आयोजित राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा के समापन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों ने रिश्तों में नई दूरी पैदा कर दी है।

गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को झामुमो ने बिहार की छह सीटों — कटोरिया, मनीहारी (एसटी), चकाई, धमदाहा, जमुई और पिरपैंती (एससी) — पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, साथ ही 20 स्टार प्रचारकों की सूची भी चुनाव आयोग को सौंपी थी, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल थीं। परंतु कुछ ही दिनों बाद पार्टी ने अप्रत्याशित रूप से अपना निर्णय बदल दिया।

जमीन पर झामुमो का प्रभाव बिहार में सीमित रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में पिरपैंती से निर्मला देवी को 377 वोट, मनिहारी से फूलमणि हेंब्रम को 1,059, झाझा से अजीत कुमार को 1,186, कटोरिया से एंजले हांसदा को 5,606 तथा चकाई से एलिजाबेथ सोरेन को 16,985 वोट प्राप्त हुए थे — कुल मिलाकर लगभग 25,000 वोट।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अपेक्षाकृत कमजोर जनाधार के बावजूद, झामुमो को दो-तीन सीमित सीटें देकर महागठबंधन की एकजुटता बनाए रखी जा सकती थी। झारखंड में जहां आरजेडी ने 21 सीटों की मांग की थी, वहीं झामुमो ने उसे छह सीटें देकर समझौता कायम किया था और चार विजेताओं में से एक को मंत्री पद भी प्रदान किया गया था।

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि आरजेडी और झामुमो के बीच मतभेद अब औपचारिक दूरी में परिवर्तित हो सकते हैं, जिससे आगामी चुनावी समीकरणों पर सीधा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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