आलमगीर आलम से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में 8 नए आरोपी, ED ने दाखिल की चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट

रांची — झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर घोटाले और कमीशनखोरी से जुड़े मनी लाउंड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चौथी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में 8 नए आरोपियों के नाम शामिल किए गए हैं, जिनमें कई ठेकेदार, प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोगी और उनके परिजन शामिल हैं।
ED के अनुसार, इन सभी ने अवैध कमाई उत्पन्न करने, उसे छिपाने और वैध दिखाने में सक्रिय भूमिका निभाई। अब तक कुल 22 लोग इस मामले में आरोपी बनाए जा चुके हैं।
मुख्य आरोपी:
ठेकेदार राजेश कुमार: ₹1.88 करोड़ की रिश्वत देने और इनोवा व फॉर्च्यूनर गाड़ियाँ कमीशन के रूप में देने का आरोप।
ठेकेदार राधा मोहन साहू: ₹39 लाख रिश्वत देने और बेटे अंकित साहू के नाम पर दर्ज एक टोयोटा फॉर्च्यूनर देने के आरोप में।
अन्य आरोपी: वीरेंद्र कुमार राम के करीबी अतिकुल रहमान के ठिकाने से ₹4.40 लाख नकद बरामद हुए, जबकि ठेकेदार राजीव कुमार सिंह के पास से ₹2.13 करोड़ की नकदी मिली। राजीव ने ₹15 करोड़ कमीशन राशि इकट्ठा करने की बात कबूल की।
संजय कुमार लाल की पत्नी रीता लाल पर अवैध कमाई से संपत्तियाँ खरीदने और उसे वैध दिखाने का आरोप है।
ED ने अब तक ₹44 करोड़ से अधिक की संपत्ति कुर्क की है और चार्जशीट में मुकदमा चलाने व संपत्ति जब्ती की सिफारिश की गई है। एजेंसी ने कहा कि जांच अभी जारी है।
यह मामला 2019 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB), जमशेदपुर द्वारा दर्ज एक प्रिडिकेट अपराध से जुड़ा है, जब विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेश प्रसाद वर्मा को रिश्वत लेते पकड़ा गया था। बाद में मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के ठिकानों से ₹2.67 करोड़ नकद बरामद हुए। जांच में पता चला कि ग्रामीण विकास विभाग में एक संगठित भ्रष्टाचार सिंडिकेट सक्रिय था, जिसे मुख्य रूप से वीरेंद्र कुमार राम चला रहे थे। उस वक्त के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम पर निविदाओं में तय कमीशन लेने का आरोप है।
अन्य चित्र

Alamgir Alam


