घाटशिला उपचुनाव में ‘मईयां सम्मान योजना’ बनेगी निर्णायक फैक्टर — महिला मतदाता तय करेंगी बाजी

घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में इस बार महिला मतदाता सबसे अहम भूमिका निभाने जा रही हैं। कुल 2,56,252 मतदाताओं में से 1,31,180 महिलाएं और 1,25,078 पुरुष हैं — यानी महिलाओं की संख्या पुरुषों से लगभग पांच प्रतिशत अधिक है। यही वजह है कि झारखंड की दोनों बड़ी पार्टियां महिला मतदाताओं को लुभाने में पूरी ताकत झोंक रही हैं।
राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अपनी सबसे लोकप्रिय योजना ‘मईयां सम्मान योजना’ को चुनावी आधार बना रही है। पिछले साल शुरू की गई इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने ₹2,500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। पार्टी प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि यह योजना आदिवासी इलाकों में झामुमो का समर्थन और मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारे पास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन जैसे नेता हैं जो महिला मतदाताओं के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, इसलिए हमें उनके समर्थन का पूरा भरोसा है।”
वहीं, भाजपा ने इस योजना को राजनीतिक हथकंडा करार दिया है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि शुरुआत में सरकार ने 65 लाख महिलाओं को लाभ देने का दावा किया था, लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद यह संख्या घटकर 40 लाख से भी कम रह गई। उन्होंने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि महिलाएं अब बदलाव चाहती हैं, जिसकी शुरुआत घाटशिला से होगी।
शाहदेव ने कहा कि महिला सशक्तीकरण हमेशा से केंद्र की मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है। इसके तहत उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी कई योजनाएं शुरू की गईं। साथ ही आदिवासी समुदायों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति अधिकार महाअभियान भी शुरू किया गया।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने बताया कि झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों में आमतौर पर महिला मतदाताओं की संख्या अधिक होती है। इसका कारण इन क्षेत्रों में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा और लिंगानुपात पुरुषों की तुलना में बेहतर होना है।
घाटशिला उपचुनाव में मतदान 11 नवंबर को और मतगणना 14 नवंबर को होगी। झामुमो विधायक रामदास सोरेन के निधन के बाद यह उपचुनाव कराया जा रहा है। झामुमो ने उनके पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है।
कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं और मतदान के लिए 300 बूथ बनाए गए हैं।
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