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घाटशिला उपचुनाव: फर्जी पोस्ट और एआई वीडियो पर सख्त निगरानी, 33 व्हाट्सऐप ग्रुप पुलिस की रडार पर

Sanjana Kumari
3 नवंबर 2025 को 08:05 am बजे
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Ghatshila bypoll: Police tighten digital watch, 33 WhatsApp groups under scrutiny for fake and AI-generated content

झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर जिला प्रशासन और साइबर सेल ने सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी है। चुनाव प्रचार के दौरान फेक न्यूज, भ्रामक पोस्ट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से तैयार वीडियो के जरिए मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिशें अब पुलिस के नियंत्रण में हैं।

प्रशासन ने 33 व्हाट्सऐप और फेसबुक ग्रुप की पहचान की है, जिन पर संदिग्ध गतिविधियां पाई गई हैं। इन ग्रुप में साझा किए जा रहे पोस्ट, वीडियो और लिंक की साइबर विशेषज्ञ लगातार निगरानी कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता एआई टूल की मदद से नेताओं के भाषण, जनसंपर्क वीडियो और अपील जैसे क्लिप बनाकर साझा कर रहे हैं। इनमें कई वीडियो भ्रामक पाए गए हैं, जिनसे मतदाताओं में भ्रम फैलने की आशंका है। पुलिस ने ऐसे वीडियो साझा करने वालों की पहचान शुरू कर दी है।

साइबर सेल ने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से जुड़े 44 पुराने मामलों की भी समीक्षा की है। इन मामलों में शामिल लोगों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इनमें वे लोग भी हैं, जिन्होंने पहले चुनावों के दौरान फेक न्यूज या एडिटेड वीडियो प्रसारित किए थे।

जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि चुनाव अवधि में किसी भी प्रकार की अफवाह या गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही, प्रशासन ने राजनीतिक दलों को अपने प्रचार में उपयोग की जा रही सभी एआई जनित सामग्रियों का रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया है। इसमें निर्माता का नाम, निर्माण की तिथि और टाइम स्टैम्प जैसी जानकारी शामिल होगी। जरूरत पड़ने पर यह रिकॉर्ड जांच एजेंसियों को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।

अधिकारियों का कहना है कि यह कदम चुनाव प्रचार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और मतदाताओं को भ्रामक सूचनाओं से बचाने के लिए उठाया गया है। सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर किसी भी उम्मीदवार या दल की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों को सख्त कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

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