घाटशिला उपचुनाव: त्रिकोणीय मुकाबला, पूर्व CM चंपाई सोरेन की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर

घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां पूरी हो गई हैं और सोमवार को को-आपरेटिव कॉलेज स्थित डिस्पैच सेंटर से सभी मतदान दलों को उनके निर्धारित मतदान केंद्रों के लिए रवाना किया गया। प्रशासन ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
यह उपचुनाव झामुमो के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के कारण आवश्यक हो गया है। रविवार शाम को चुनाव प्रचार बंद होने के बाद अब सभी की निगाहें 11 नवंबर को होने वाले मतदान पर टिकी हैं।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी कर्ण सत्यार्थी और वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने मतदान दलों और सुरक्षा बलों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने मतदान सामग्री की सुरक्षित डिलीवरी, वाहनों की आवाजाही और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय है। झामुमो ने दिवंगत रामदास सोरेन के बेटे सोमेश सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन पर भरोसा जताया है। तीसरे प्रमुख प्रत्याशी के रूप में जेएलकेएम ने रामदास मुर्मू को मैदान में उतारा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि जेएलकेएम का प्रदर्शन चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकता है।
सभी मतदान केंद्रों पर पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और संवेदनशील इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है। प्रचार गतिविधियां रविवार शाम पांच बजे बंद कर दी गईं और अब उम्मीदवार घर-घर जाकर ही मतदाताओं से संपर्क कर सकते हैं। मतगणना 14 नवंबर को होगी।
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