निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे पर एसीबी की चौथी प्राथमिकी दर्ज, आय से अधिक संपत्ति का आरोप

झारखंड में निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने चौथी प्राथमिकी दर्ज की है। यह मामला उनके सेवाकाल के दौरान अर्जित आय से अधिक संपत्ति से संबंधित है। एसीबी रांची थाने में 24 नवंबर को कांड संख्या 20/2025 के रूप में दर्ज यह एफआईआर विस्तृत प्रारंभिक जांच (पीई) के बाद दायर की गई।
कुल सात नामजद आरोपी
प्राथमिकी में सात लोगों को आरोपी बनाया गया है-
• विनय कुमार चौबे
• पत्नी स्वप्ना संचिता
• ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी
• साला शिपिज त्रिवेदी
• साले की पत्नी प्रियंका त्रिवेदी
• सहयोगी विनय कुमार सिंह
• सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह
एसीबी के अनुसार, इन सभी के माध्यम से धन के लेन-देन और हेराफेरी की गई।
पहले भी तीन मामलों में दर्ज हो चुकी हैं प्राथमिकी
इससे पहले एसीबी ने चौबे के खिलाफ-
• शराब घोटाला
• हजारीबाग खासमहाल भूमि घोटाला
• हजारीबाग वन भूमि घोटाला
-में प्राथमिकी दर्ज की थी। नए मामले में भी सभी आरोपितों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रारंभिक जांच में खुलासा: आय 2.20 करोड़, व्यय 3.47 करोड़
कैबिनेट (निगरानी) विभाग से अनुमति मिलने के बाद पीई दर्ज की गई। दस्तावेजों, बैंक खातों, संपत्ति लेन-देन और बयानों के विश्लेषण में पाया गया कि चौबे ने अपने ज्ञात स्रोतों से ₹2.20 करोड़ की आय अर्जित की, जबकि उनके तथा परिवार/सहयोगियों के खातों में ₹3.47 करोड़ आए।
इस प्रकार उन्होंने ₹1.27 करोड़, यानी 53% अधिक संपत्ति, अवैध रूप से अर्जित की।
अवैध कमाई छिपाने के लिए शेल कंपनियों और सहयोगियों का उपयोग
जांच में यह भी पाया गया कि चौबे ने-
• शेल कंपनियों
• परिवार के खातों
• सहयोगी विनय कुमार सिंह के खातों
-के माध्यम से अवैध धन का प्रवाह किया।
विनय सिंह के खाते में कई संदिग्ध लेन-देन मिले हैं। चौबे की पत्नी को सिंह की कंपनी में कर्मचारी दिखाकर वेतन और अन्य भुगतान किए गए, जो अवैध कमाई को वैध दिखाने का तरीका था।
ससुर, साला और साले की पत्नी के खातों में भी नकद, आरटीजीएस, ऋण भुगतान और संपत्ति निवेश के सबूत मिले हैं।
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